श्री राम शलाका प्रश्नावली

चौपाई : गरल सुधा रिपु करहिं मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई॥

अर्थ: यह चौपाई सुन्दरकाण्ड में आती है। अर्थ यह है कि विष अमृत बन जाए, शत्रु मित्र बन जाए — प्रभु कृपा से असंभव भी संभव होता है। प्रश्न बहुत शुभ है, कार्य सिद्ध होगा।